वर्ल्ड कप 2019 का आधा सफ़र तय हो चुका है। भारतीय टीम ने इस विश्व कप में 4 मैच खेले है, जिसमें से 3 मैचों में जीत मिली और 1 मैच बारिश की वजह से रद्द हो गया। भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के चोटिल होने के बाद उनके कवर्स के तौर पर ऋषभ पंत को इंग्लैंड भेजा गया था। आइये देखते है क्यों ऋषभ पंत का प्लेइंग 11 में होना जरूरी है|
चोटिल धवल की ताजा अपडेट:
ताजा अपडेट के अनुसार उन्हें 15 सदस्यीय टीम में जगह मिल गयी है। गौरतबल हो कि उन्हें 9 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गये अपने दूसरे मुकाबले में 117 रनों की पारी के दौरान अंगूठे में चोट आई थी। जिसके बाद टीम मैनेजमेंट ने धवन को अपनी निगरानी में रखने का फैसला लिया था।
An official request has been made to replace Shikhar with @RishabPant777 in the World Cup squad #TeamIndia #CWC19 pic.twitter.com/WqXptyspSm
— BCCI (@BCCI) June 19, 2019
एक हप्ते के बाद बुधवार शाम को बीसीसीआई के टीम मैनेजर सुनील सुब्रमण्यम ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि धवन की चोट में कोई सुधार नहीं हुआ है इसीलिए उन्हें इस वर्ल्ड कप से आराम बाहर किया गया है और उनकी जगह ऋषभ पंत को टीम में शामिल किया गया है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शिखर धवन को लगी दुर्भाग्यपूर्ण चोट के बाद उनकी जगह ऋषभ पंत को टीम में जगह मिल गयी है। लेकिन यह अभी भी बहस का विषय है कि क्या उन्हें सीधे प्लेइंग 11 में शामिल किया जाएगा या नहीं। लेकिन विश्व कप के अंत तक उन्हें टीम में जगह मिलने की पूरी सभावनाएं है।
क्यों ऋषभ पंत का टीम इंडिया की प्लेइंग 11 में होना जरूरी है ?
इस तथ्य को ध्यान में हुए यह माना जा सकता है कि धवन की अनुपस्थिति में टीम इंडिया के आक्रामक होने की उम्मीद नहीं की जा सकती। ऋषभ पंत मध्य क्रम में टीम इंडिया के आक्रामक खिलाड़ी हो सकते है जो मिडिल ऑर्डर में रनों की गति को तेज कर सकेंगे।
अगर ऋषभ पंत के मिडल ऑर्डर में शानदार बल्लेबाजी करते है तो रोहित और लोकेश राहुल भी कम दबाव महसूस करेंगे और उन्हें सेट होने का प्रयाप्त समय भी मिल पायेगा। भारतीय टीम में टॉप 7 में कोई भी बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं है, ऐसे में ऋषभ पंत का टीम में होना जरुरी बन जाता है।
ऋषभ पंत नंबर 4 पर भारतीय टीम के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं। इस नंबर पर आक्रामक बल्लेबाजी कर ऋषभ पंत टीम इंडिया के दबाव को कुछ हल्का कर सकते हैं।
भारतीय टीम को ऋषभ पंत का प्लेइंग 11 में शामिल होने का फायदा:
मिडल आर्डर में ऋषभ पंत और हार्दिक पांड्या जैसे दो आक्रामक बल्लेबाजों के होने से विपक्षी टीमों पर दबाव बढेगा जो कि टीम इंडिया के लिए फायदेमंद हो सकता है। यही दबाव इंग्लैंड जैसी मजबूत गेंदबाजी वाली टीमों के खिलाफ टीम इंडिया को 350 के करीब स्कोर खड़ा करने और बड़े लक्ष्य का पीछा करने में मददगार साबित हो सकता है।
हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया को हार्दिक पांड्या और धोनी के आउट होने के बाद जीत के लिए संघर्ष करना पड़ा था। ऋषभ पंत के मिडल आर्डर में होने से टीम इंडिया की बल्लेबाजी क्रम में गहराई देखने को मिलेगी।
हमें यह नहीं भुलाना चाहिए कि ऋषभ पंत ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एंडरसन, ब्रॉड, हेज़लवुड, स्टार्क और कमिंस जैसे दिग्गज गेंदबाजों के सामने कठिन परिस्थितियों में टेस्ट शतक लगाये हैं।
वर्ल्ड कप 2011 में सुरेश रैना टीम इंडिया के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी| इसी तरह इस विश्व कप में ऋषभ पंत सिर्फ इस अवसर का फायदा उठा सकते हैं और टूर्नामेंट के नॉकआउट चरणों में टीम इंडिया के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं। इसलिए ऋषभ पंत का टीम इंडिया की प्लेइंग 11 में होना बेहद जरूरी बन जाता है |
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